फ्रांस के पेरिस के बाद अब नीस में एक हमलावर नेAllah Hu Akbar के नारे लगाते हुए तीन लोगों की गला काटकर हत्या कर दी। यही नहीं, अब सऊदी अरब में फ्रांस के कॉन्सुलेट में गार्ड के ऊपर चाकू से हमला कर दिया गया।
फ्रांस एक बार फिर ‘आतंकी’ घटनाओं से दहल गया है। चिंता पैदा करन वाली बात यह है कि एक जैसी दिख रहीं इन घटनाओं में हमलावर सामने वाले पर चाकू से हमला करता है, यहां तक कि गला काट देता और ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाता है। इसके मद्देनजर जहां फ्रांस की सरकार और राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों एक ओर जहां देश में धर्मनिरपेक्षता और न्याय व्यवस्था को कड़ा करने की बात कर रहे हैं, वहीं उन्हें देश के मुस्लिम समाज और इस्लामिक देशों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। इस सबके बीच फ्रांस के खिलाफ दूसरे देशों में गुस्सा इस कदर भड़का है कि सऊदी अरब में फ्रांस के कॉन्सुलेट में भी ऐसी घटना सामने आई है। इन घटनाओं के तार पैगंबर मोहम्मद के कार्टून से जुड़े माने जा रहे हैं जिन्हें मैक्रों ने अभिव्यक्ति की आजादी बताया है, तो मुस्लिम देशों ने इस्लाम का अपमान।
फ्रांस में ताजा घटना नीस में एक चर्च में हुई है जहां एक हमलावर ने एक महिला का गला काट दिया और दो अन्य लोगों की चाकू मारकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी। पेरिस की तरह ही यहां की घटना को भी आतंकवाद करार दिया गया है। नीस के मेयर क्रिस्चियन इस्तोर्सी ने बताया कि नॉट्र डैम चर्च में हुई घटना के बाद हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना को आतंकवाद करार देने के बाद फ्रांस के आतंकवाद निरोधक विभाग ने जांच की जिम्मेदारी ली है। हालांकि, यह अभी तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चर्च में चाकू हमला करके लोगों की हत्या करने के पीछे मकसद क्या था या इसका पैगंबर के कार्टून से कोई मतलब है। हालांकि, मेयर ने दावा किया है कि आरोपी गिरफ्तार किए जाने के बाद ठीक उसी तरह अल्लाह हू अकबल चिल्ला रहा था जैसे पेरिस की घटना में हुई था।
इसके बाद सऊदी अरब से खबर आई है कि फ्रांस के कॉन्सुलेट के बाहर गार्ड को चाकू मार दिया गया। आधिकारिक मीडिया के मुताबिक जेद्दाह में हमलावर ने ‘धारदार हथियार’ से गार्ड पर हमला किया जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। रियाद में फ्रांस के दूतावास ने जानकारी दी है कि गार्ड खतरे से बाहर है लेकिन राजनयिक परिसर में हमले की निंदा की है। फ्रांस के राजनयिकों ने सऊदी से हमले पर रोशनी डालने को कहा है और वहां रह रहे फ्रांस के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
शार्ली एब्दो के कार्टून से शुरू सिलसिला
फ्रांस में करीब पांच साल पहले मशहूर मैगजीन शार्ली एब्दो ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापा था। इसकी भारी कीमत मैगजीन के तमाम पत्रकारों को जान देकर चुकानी पड़ी थी। आतंकी संगठन अल कायदा ने मैगजीन के दफ्तर पर हमला कर दिया। हाल ही में इस केस की सुनवाई पेरिस में शुरू होने के कुछ दिन बाद एक स्कूल टीचर ने अपनी क्लास के बच्चों को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया जिससे नाराज एक शख्स ने टीचर का गला काट दिया। नीस की ही तरह यहां भी हमलावर ‘अल्लाह हू अकबर’ चिल्लाता नजर आया। इस घटना के बाद मैक्रों ने टीचर सैम्युअल पैटी का समर्थन किया और देश में अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करने की बात कही। मैक्रों ने कहा था कि फ्रांस अपनी धर्मनिरपेक्ष परंपराओं और कानूनों का पालन करता रहेगा जिनमें अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित की गई है। इसके जरिए शार्ली एब्दो को भी पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने की आजादी मिलती है जिससे यह बवाल शुरू हुआ था। मैक्रों ने बताया था कि एक बिल अगले साल की शुरुआत में संसद में भेजा जाएगा जिसमें इस्लामिक अलगाववाद से निपटने का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा था कि दुनियाभर में इस्लाम संकट का सामना कर रहा है।