मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मुख्तार अंसारी विधान सभा में अपनी सदस्यता समाप्त कर सकते हैं। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अंसारी की विधानसभा सदस्यता के बारे में कानूनी राय ली जाएगी। कई दिनों तक लगातार सदन की कार्यवाही में शामिल न होने पर भी सदस्यता रद्द करने का नियम है।
अमानवीय व्यवहार के कारण मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई। अंसारी को आधी बेहोशी की हालत में बांदा जेल लाया गया था। उनका मधुमेह और रक्तचाप बड़ा हुआ था। जेल प्रशासन जेल में डॉक्टर को आने की मंजूरी नहीं दे रहा है
मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने आरोप लगाया है कि मुख्तार अंसारी का रोपर जेल से बंदा लाने के दौरान उनके साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि 15 घंटे की यात्रा के दौरान, मुख्तार अंसारी को न तो पानी दिया गया और न ही खाना।
जेल के प्रभारी जेलर प्रमोद तिवारी ने कहा, “मुख़्तार अंसारी को लेकर जेल में सुरक्षा व्यवस्था पूरी कर ली गई है। जेल के बाहर और अंदर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। बैरकों में रोशनी, पीने के पानी की व्यवस्था और साफ–सफाई है। । बैरक में अन्य कैदियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा है, और तीन सुरक्षाकर्मी भी बैरक के अंदर तैनात हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्तार को बांदा जेल पहुंचते ही व्हीलचेयर मैं बैठा दिया गया , लेकिन अंसारी ने उन्हें देखा तक नहीं और बैग उठाकर सीधे अंदर चले गए। अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट में भी किसी गंभीर बीमारी का जिक्र नहीं है।
राज्य की सभी जेलों में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मुख्तार अंसारी को जेल के नियमो के अनुसार रहना होगा। उन्हें कानून के मुताबिक, ट्रायल पर जाना होगा।
मुख्तार को बांदा जेल में स्थानांतरित किए जाने के बाद, उसके गुर्गे बांदा में अपना ठिकाना बना सकते हैं, इसलिए पुलिस प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी को भी पुलिस सत्यापन के बिना काम पर नहीं रखा जाना चाहिए। इसके साथ ही होटल में ठहरने वालों की सूचना पुलिस के साथ साझा की जानी चाहिए।
पुलिस और खुफिया विभाग एक सप्ताह के भीतर या किसी भी मामले में जेल से जमानत पर रिहा किए गए बंदियों के बारे में जानकारी एकत्र करता है। सुबह करीब 10 बजे मुख्तार अंसारी कोविद का टेस्ट होगा। मुख्तार अंसारी को बांदा जेल की बैरक नंबर 16 में अलग–थलग रखा गया है और किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं है। सीसीटीवी बैरकों की निगरानी कर रहा है।
पहले तो मुख्तार को सामान्य बैरक में रखा गया, लेकिन बाद में उन्हें जेल के अंदर बैरक नंबर 15 में शिफ्ट कर दिया गया। फिर अचानक, उसे बैरक नंबर -16 में स्थानांतरित कर दिया जाता है। 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी को यूपी जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। सीओ सदर सत्य प्रकाश शर्मा ने अंसारी को यूपी लाने वाली पुलिस टीम का नेतृत्व करते हुए कहा, ‘हमें अंसारी को यहां लाने का काम सौंपा गया था। उन्हें देर रात यहां लाया गया है।
जब मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी लाया जा रहा था, उस पर हमला हुआ था। इसलिए, सभी जिलों के मार्ग को अलर्ट पर रखा गया था। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सभी पुलिसकर्मी बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए थे।
मुख्तार अंसारी को लेकर यूपी पुलिस की टीम दोपहर 2.07 बजे रोपड़ से रवाना हुई थी। काफिला पंजाब के रास्ते शाम 4 बजे हरियाणा के करनाल पहुंचा। इसके बाद पुलिस काफिला नोएडा, मथुरा, आगरा और कानपुर होते हुए 4.34 बजे बांदा जेल पहुंचा।