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Indian Astronaut Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला

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भारत ने 1984 में राकेश शर्मा के बाद पहली बार एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजने की योजना बनाई है। इस ऐतिहासिक मिशन में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Indian Astronaut Shubhanshu Shukla) को पायलट के रूप में चुना गया है। आइए जानते हैं उनके जीवन की प्रेरणादायक कहानी


👶 प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज से की। 1999 के कारगिल युद्ध ने उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बिना परिवार को बताए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की परीक्षा दी और उत्तीर्ण भी हुए। बाद में, उन्होंने NDA से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए भारतीय वायुसेना अकादमी में प्रशिक्षण लिया।


✈️ भारतीय वायुसेना में करियर

शुभांशु शुक्ला को 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना के फाइटर स्ट्रीम में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन मिला। उन्होंने MiG-21, MiG-29, Su-30 MKI, Jaguar, Hawk, Dornier, और An-32 जैसे विमानों में 2,000 घंटे से अधिक उड़ान भरी है। 2019 में उन्हें विंग कमांडर के पद पर पदोन्नत किया गया और 2024 में ग्रुप कैप्टन के रूप में सेवा दी।


🚀 अंतरिक्ष यात्रा की ओर

2019 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री चयन प्रक्रिया शुरू की। शुभांशु शुक्ला को इस प्रक्रिया में चुना गया और उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने बेंगलुरु स्थित ISRO के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में भी प्रशिक्षण लिया।


🌌 Axiom Mission 4: ISS की ओर

अगस्त 2024 में ISRO ने घोषणा की कि शुभांशु शुक्ला को Axiom Mission 4 (Ax-4) के लिए पायलट के रूप में चुना गया है। यह मिशन NASA, ISRO और Axiom Space का संयुक्त प्रयास है, जिसमें शुभांशु शुक्ला के साथ कमांडर पेगी व्हिटसन (NASA), मिशन विशेषज्ञ स्लावोस्ज़ उज़नांस्की (पोलैंड) और तिबोर कापू (हंगरी) भी शामिल होंगे। यह मिशन 2025 में स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान से लॉन्च होगा और शुभांशु शुक्ला 14 दिनों तक ISS पर रहकर वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।


🧬 वैज्ञानिक प्रयोग और योगदान

Ax-4 मिशन के दौरान, शुभांशु शुक्ला (Indian Astronaut Shubhanshu Shukla) भारतीय संस्थानों द्वारा विकसित सात वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे। इनमें माइक्रोग्रैविटी में फसल की वृद्धि, मांसपेशियों की कमजोरी, माइक्रोबियल अनुकूलन और स्क्रीन के उपयोग के मानसिक प्रभाव जैसे विषय शामिल हैं।


👨‍👩‍👦 व्यक्तिगत जीवन

शुभांशु शुक्ला की पत्नी डॉ. कमना शुभांशु शुक्ला एक डेंटिस्ट हैं और वे स्कूल के समय की सहपाठी हैं। उनका एक चार वर्षीय बेटा है। वे अपने परिवार के सबसे छोटे सदस्य हैं और उनके माता-पिता और दो बहनें लखनऊ में रहते हैं। वे अपनी कड़ी अनुशासन, फिटनेस और मिशन के प्रति समर्पण के लिए प्रसिद्ध हैं।


🇮🇳 प्रेरणा का स्रोत

शुभांशु शुक्ला की कहानी समर्पण, साहस और देशभक्ति का अद्भुत उदाहरण है। उनका कहना है, “मैं अकेला यात्रा कर रहा हो सकता हूँ, लेकिन यह यात्रा 1.4 अरब भारतीयों की है।” उनका यह मिशन न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।


📢 निष्कर्ष

शुभांशु शुक्ला की यात्रा यह दर्शाती है कि कठिन परिश्रम, समर्पण और दृढ़ निश्चय से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। वे न केवल भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए गौरव का विषय हैं, बल्कि वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं।

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