पिछले कुछ दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच का विवाद Russia Ukraine War थमने का नाम नहीं ले रहा है । इस विवाद की वजह यह बताई जा रही है कि रूस इस बात के खिलाफ है कि यूक्रेन को NATO (North Atlantic Treaty Organization) में शामिल नहीं किया जाए l विवाद इतना बढ़ चुका है कि रूस के राष्ट्रपति वलामिदिर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में मिलिट्री ऑपरेशन जारी करने के आदेश दे दिए हैं l रुसी सेना क्रीमिया के रास्ते यूक्रेन में प्रवेश करना शुरू कर हमले कि शुरुवात कर दी है l
NATO क्या है ?
NATO की फुलफॉर्म North Atlantic Treaty Organization है l NATO 1949 में शुरुवाती तौर पर 12 देशों द्वारा संस्थापित किया गया एक सैन्य गठबंधन था l इस में दुनिया के बड़े बड़े देश शामिल थे जैसे कि अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन आदि । अबतक इस गठबंधन में 30 देश शामिल हो चुके हैं l NATO एक सामूहिक सुरक्षा गठबंधन के तौर पर काम करता है l इसके अनुसार विभिन देश एक दूसरे देशो की सैन्य और राजनितिक रक्षा में करते हैं l अगर संगठन के किसी देश पर हमले की कोशिश की जाती है तो संगठन के सभी सदस्य देश मिलकर उस हमलावर देश का सामना करते हैं l
यूक्रेन NATO में क्यों शामिल होना चाहता है ?
Russia Ukraine War यूक्रेन को डर है कि रूस उस पर कब्ज़ा कर सकता है l रूस द्वारा यूक्रेन के एक हिस्से पर कब्ज़ा करने कि बात से यह पुष्टि लगाई जा सकती है l इस हिस्से का नाम क्रीमिया था जिसे रूस में मिला लिया गया था l यूक्रेन जानता है कि रूस का सामना वो कभी नहीं कर सकता क्यूंकि उनके पास ना तो रूस जैसे आधुनिक हथियार हैं ना ही उचित सेना l इसलिए अपनी आजादी को महफूज रखने के लिए यूक्रेन NATO में शामिल होना चाहता है l
रूस को यूक्रेन के NATO में शामिल होने से दिक्कत क्या है ?
रूस के पड़ोसी देश जैसे एसटोनिया और लातविया पहले ही NATO के सदस्य बन चुके हैं l यूक्रेन भी रूस के पड़ोसी देशों में से एक है ।अगर यह भी में शामिल हो जाएगा तो रूस NATO से घिर जाएगा या फिर ये कह सकते हैं कि दुश्मन ताकतें उसके निकट आ जाएंगी l जिससे अमेरिका जैसे देश उस पर हावी हो सकते हैं lरूस जानता है कि अगर नाटो में शामिल किसी भी देश के साथ वो युद्ध करता है तो उसके खिलाफ 30 देश शामिल हो के वार करेंगे l